प्रदूषण पर निबंध | Paragraph on Pollution in Hindi

प्रदूषण पर निबंध | Paragraph on Pollution in Hindi | Pollution Essay in Hindi :- आज Eexampaper.com इसी Pollution Topic पर Paragraph on Pollution in Hindi और Pollution Essay in Hindi लेकर आए हुए हैं। यह सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

आधुनिक समय जो कि विज्ञान का माना जा रहा है इस विज्ञान से संसार को बहुत से लाभ तथा इसके विपरीत है बहुत से हानि का सामना हमें करना पड़ रहा है आजकल सबसे बड़ी समस्या पर्यावरण प्रदूषण है। प्रदूषण पर निबंध प्रस्तावना और उपसंहार सहित, Paragraph on Pollution in Hindi, Pollution Essay in Hindi यह निबंध प्रस्तावना और उपसंहार सहित लिखा गया है। इसे Short Paragraph on Pollution in Hindi को पढ़कर विद्यार्थी अपने निबंध लेखन क्षमता को और अधिक मजबूत कर सकते हैं और पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध को और अच्छा विस्तृत रूप से लिख सकते हैं।

प्रदूषण पर निबंध | Paragraph on Pollution in Hindi | Pollution Essay in Hindi

Short Paragraph on Pollution in Hindi

पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध हिंदी में, पर्यावरण प्रदूषण का निबंध हिंदी में, पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध in Hindi, पर्यावरण प्रदूषण निबंध हिंदी में, शहरों में बढ़ता प्रदूषण पर निबंध, प्रदूषण की समस्या और समाधान निबंध, पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध हिंदी में Class 10, प्रदूषण की समस्या पर निबंध इन हिंदी, pollution essay, essay on pollution in hindi, Short paragraph on pollution in hindi, प्रदूषण पर हिन्दी में निबंध, Paragraph on Pollution in Hindi और Pollution Essay in Hindi

“अपनी हालत का एहसास नहीं मुझको
और उसे सुना बहुत परेशान हूं मैं।
दुनिया में कुछ इस कदर छाया है प्रदूषण
कि देखकर यह हाल हैरान हूं मैं।।”

प्रस्तावना :-

“सांस लेना तक मुश्किल हो गया है,
वातावरण कितना प्रदूषित हो गया है।”

प्रकृति ने हमें एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण सौंपा था। किंतु मानव जाति ने अपने लालचीपन और विकास के नाम पर लिए उसे भी खतरे में डाल दिया। पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है परि + आवरण। जिसमें परि का अर्थ है चारो ओर। तथा आवरण का अर्थ है ढका हुआ। अर्थात् पर्यावरण से यह अभिप्राय हुआ कि हमारे चारों ओर का घेरा जिसमें हम रहते हैं और प्रभावित होते है। विज्ञान में अधिक से अधिक प्रकार के मानव को अनेक वरदान दिए परंतु विज्ञान द्वारा दी गई कुछ उपलब्धियां मानव जाति के लिए अभिशाप बन गई हैं। विज्ञान की बढ़ती प्रगति ने एक और हमारी सुख – सुविधा में वृद्धि की है तो दूसरी और पर्यावरण को प्रदूषित कर के मानव के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। पर्यावरण अभिशाप में से एक हैं – पर्यावरण प्रदूषण। प्रदूषण को कम कर पाने में मानव समर्थ नहीं हैं लेकिन प्रदूषण नियंत्रण तकनीक द्वारा इसे कम किया जा सकता है। पर्यावरण प्रकृति का एक कोश हैं। इस कोश से ही मानव जीवन का कारवां गतिमान है।

“बंजर धरती करे पुकार।
बच्चे कम हो वृक्ष हजार।।”

पर्यावरण का अर्थ :-

“अमृत बांटे कर विष पान,
वृक्ष स्वयं शंकर भगवान।”

पर्यावरण जिसका अर्थ है हमारे चारों और घेरे हुए वातावरण। पर्यावरण तथा मानव जाति का संबंध अत्यंत ही घनिष्ट है। पर्यावरण से मनुष्य के भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति होती है। पर्यावरण से ही जल वायु अन्य प्राकृतिक कारक मनुष्य को प्राप्त होते हैं।

प्रदूषण का अर्थ :-

वायुमंडल और वातावरण में उत्पन्न होने वाले असंतुलित परिवर्तन को ही पर्यावरण प्रदूषण कहा जाता है। प्रदूषण फैलाने वाले पदार्थ हमारे वातावरण में आवश्यकता से अधिक मात्रा में उपस्थित होते हैं। जिन्हें पर्यावरण प्रदूषक तत्व कहा जाता है। प्रदूषण का शाब्दिक अर्थ है – दोष उत्पन्न होना।अर्थात मिट्टी, जल व वायु के भौतिक, रासायनिक और जैविक गुणों में अवांछनीय परिवर्तन से उनके दोष का उत्पन्न होना ही पर्यावरण प्रदूषण है। इससे आसपास का पर्यावरण प्रदूषित और हानिकारक हो जाता है।

इन्हें भी पढ़े :- महिला सशक्तिकरण पर निबंध | Essay on Women Empowerment in Hindi

प्रदूषण के प्रकार :-

“यदि चाहते हो देश की सुरक्षा, तो प्रकृति की सुरक्षा रखना।
यदि नही करते, प्रदूषण से सुरक्षा, तो कैसे हो पाएगी आत्मरक्षा।।”

प्रदूषण के प्रकार निम्नलिखित है :-

(1) जल प्रदूषण :-

“सब मिलकर करो सहयोग,
पानी का कभी ना करो दुरुपयोग।”

जल जीवन का आधार है। जल में किसी अवांछनीय बाह्य पदार्थ का मिलना, जिससे उसकी शुद्धता में कमी आ जाती है तथा जब जल स्रोतों में हानिकारक पदार्थों की उपस्थिति से जल की शुद्धता में गिरावट आ जाती है तो जल प्रदूषित हो जाता है। जिसे जल प्रदूषण कहा जाता है।

(2) वायु प्रदूषण :-

“धरती हमारी शान है,
हमें उस पर मान है।”

उद्योग और कारखानों से निकले हुए धुएं, हानिकारक गैसें जैसे – CO2, SO2, CO का मिलना, जिससे वायु मंडल में गैसों का अनुपात बिगड़ता है तथा वायुमंडल की विभिन्न गैसों के अनुपात में होने वाला अवांछनीय परिवर्तन वायु प्रदूषण है। ग्लोबल वार्मिंग, ओजोन परत का क्षरण ऐसी पर्यावरण समस्या है जोकि वह प्रदूषण द्वारा उत्पन्न हुई है।

(4) मृदा प्रदूषण :-

भूमि अर्थात्  मृदा एक सीमित संसाधन है। इसके दुरपयोग के परिणाम बहुत ही भयंकर हो सकता है। भूपटल पर ऐसे हानिकारक पदार्थों का फैलाव जिनका पृथ्वी द्वारा चक्कर भी नहीं होता और यह अपघटित भी नहीं किए जाते हैं तथा मृदा में हानिकारक पदार्थों का मिलना ही मृदा प्रदूषण कहलाता है। कृषि में कीटनाशक और रासायनिक खाद्य पदार्थों ने अनेक बीमारियों को जन्म दिया है। मृदा प्रदूषण से मृदा की उर्वरक शक्ति कम हो जाती है।

ध्वनि प्रदूषण :-

“मानवता का दुश्मन शोर,
इसे हटाने पर दो जोर।”

अति उच्च वृत्त की तीव्र ध्वनियों को शोर कहते हैं। या धनिया सुनने में बहुत ही कर्कश होती हैं और कानों को यह अप्रिय लगते हैं। इसे ही ध्वनि प्रदूषण कहते हैं। तीव्र ध्वनियां मानसिक क्रियाओं में बाधा पहुंचाती हैं इससे मनुष्य बहरेपन, रक्तचाप, हृदय रोग, घबराहट आदि बीमारियों का शिकार हो जाता है।

प्रदूषण के कारण :-

“जीवन के आधार पेड़ हैं, धरती के श्रृंगार पेड़ हैं।
धरती के वरदान पेड़ हैं, सेवा के अवतार पेड़ हैं।।”

प्रदूषण के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं।

वनों का विनाश :-

वृक्ष और वनों की कटाई ने अनेक समस्याओं को जन्म दिया है। फर्नीचर व भवन निर्माण के लिए, उद्योग और ईंधन के लिए, वनों की कटाई करके स्वच्छ वातावरण का विनाश कर दिया है। इससे भूमि क्षरण और भूस्खलन की स्थिति उत्पन्न हो गई है। महासागरों और नदियों के जल का स्तर तेजी से बढ़ता चला जा रहा है।

औद्योगिक और तकनीकी विकास :-

वैज्ञानिक प्रगति के कारण पर्यावरण अनेकों प्रकार से प्रदूषित होता चला जा रहा है। जीवाश्म ईंधन जैसे पेट्रोल-डीजल का अंधाधुंध प्रयोग होते चले जा रहा है। जिससे पर्यावरण में प्रदूषण का स्तर अधिक से अधिक बढ़ता चला जा रहा है।

पर्यावरण प्रदूषण के दुष्परिणाम :-

“मनुष्य प्रायः विलुप्त प्राणियों की सूची बनाने में लगा है,
परंतु उसे यह आभास नहीं है कि वह भविष्य में इसी सूची में सबसे अग्रणी रहेगा।”

बोराल ड्यूरे

पर्यावरण प्रदूषण से कई समस्याएं जन्म ले रही हैं। ग्लोबल वार्मिंग और अनियमित जलवायु परिवर्तन भी पर्यावरण प्रदूषण से उत्पन्न होने वाली विसंगतियां हैं। जिन क्षेत्रों में पहले बर्फबारी होती थी उन क्षेत्रों का तापमान अधिक हो गया है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण समुद्रों के जलस्तर तेजी से बढ़ रहे हैं जिससे छोटे-छोटे दीप जलो के अंदर समाहित होते जा रहे हैं। अगर इसी तरह से पर्यावरण का अपघटन होता रहा तो वह दिन दूर नही जब पृथ्वी से सभी प्राणियों का विनाश हो जाएगा। यह सब पर्यावरण प्रदूषण के ही दुष्परिणाम है।

इन्हें भी पढ़ सकते हैं :- होली पर निबंध हिंदी में | Best Essay on Holi in Hindi

प्रदूषण के रोकथाम :-

प्रदूषण नियंत्रण तकनीक का प्रयोग करके पर्यावरण प्रदूषण को रोका जा सकता है। स्वप्नदोष को रोकने हेतु कल कारखानों की चिमनियों की ऊंचाई और अधिक बढ़ा दी जाए। जीवाश्म ईंधन जैसे पेट्रोल-डीजल कोयला आदि के पूर्ण दहन की सुचार रूप से व्यवस्था करनी चाहिए।


जल प्रदूषण को रोकने के लिए औद्योगिक क्षेत्रों को शहरों से दूर स्थापित बनाना चाहिए। नगरपालिका को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शहर के भीतर किसी भी प्रकार के हानिकारक पदार्थों वाले कल-कारखाने नहीं चलने चाहिए। औद्योगिक क्षेत्रों और कारखानों से निकलने वाले प्रदूषित जल को फिल्टर करके खेतों की सिंचाई के उपयोग में लेना चाहिए।


मृदा प्रदूषण को रोकने के लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण करवाना चाहिए। प्लास्टिक, पॉलीथिन तथा कीटनाशक दवाइयों का उपयोग कम करना चाहिए।

ध्वनि प्रदूषण को रोकने हेतु अधिक से अधिक आवाज करने वाले उपकरणों जैसे डी०जे०, लाउडस्पीकर आदि पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। बिना वजह के रोड पर वाहनों के द्वारा हॉर्न बजाय जाने पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए।

उपसंहार :-

पर्यावरण प्रदूषण हमारे देश की ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व की एक चिंतनीय समस्या है। यदि समय रहते इसके समाधान के उपाय नहीं खोजे गए तो संपूर्ण मानव जाति का भविष्य अंधकारमय हो सकता है। यदि किसी तकनीक से पर्यावरण प्रदूषण को कम किया जा सकता है तो उस तकनीक का प्रयोग अधिक से अधिक करें तथा उस तकनीक के बारे में दूसरे लोगों को भी बताएं। अपने आसपास के क्षेत्रों में सफाई रखें और अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें।

वृक्ष धरा के आभूषण है ,

करते दूर प्रदूषण है।”

आशा करता कि हमारे द्वारा लिखा गया है यह प्रदूषण पर निबंध, Paragraph on Pollution in Hindi, Pollution Essay in Hindi, आपको अच्छा लगा होगा इसे पढ़कर आप अपनी लेखन क्षमता को और अधिक बढ़ा सकते हैं Short Paragraph on Pollution in Hindi का उपयोग आप किसी भी परीक्षा में भी कर सकते हैं।

प्रदूषण पर निबंध, Paragraph on Pollution in Hindi, Pollution Essay in Hindi का उपयोग आप किसी परीक्षा में निबंध लेखन में अधिक से अधिक अंक अर्जित कर सकते हैं यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए हैं।

यह प्रदूषण पर निबंध, Paragraph on Pollution in Hindi, Pollution Essay in Hindi में आधुनिक विचारधारा  विचारधारा को लेकर संकलित किया गया है भारत में पर्यावरण प्रदूषण की स्थिति किस प्रकार की है यह भी बताया गया है। इस Paragraph on Pollution in Hindi और Pollution Essay in Hindi में प्रदूषण क्या है निबंध? प्रदूषण कितने प्रकार के होते हैं? जल प्रदूषण कैसे होता है? जल प्रदूषण से क्या आशय है? प्रदूषण क्या है इसके प्रकार को लिखे? जैसे सभी प्रश्नों के जवाब दिए गए है।

टैग्स :- पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध हिंदी में, पर्यावरण प्रदूषण का निबंध हिंदी में, पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध in Hindi, पर्यावरण प्रदूषण निबंध हिंदी में, शहरों में बढ़ता प्रदूषण पर निबंध, प्रदूषण की समस्या और समाधान निबंध, पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध हिंदी में Class 10, प्रदूषण की समस्या पर निबंध इन हिंदी, pollution essay, essay on pollution in hindi, Short paragraph on pollution in hindi, प्रदूषण पर हिन्दी में निबंध, Paragraph on Pollution in Hindi और Pollution Essay in Hindi

2 thoughts on “प्रदूषण पर निबंध | Paragraph on Pollution in Hindi”

  1. अच्छा निबंध हैं सर पर्यावरण प्रदूषण पर भी लिख दीजिए।

    Reply

Leave a Comment