[2022] जल संरक्षण पर निबंध | Essay on Water Conservation in Hindi

 जल सरंक्षण पर निबंध (Essay on Water Conservation in Hindi) यहाँ सेे प्रस्तावना एवं उपसंहार सहित पढ़ें।

जल सरंक्षण पर निबंध | Essay on Water Conservation in Hindi :- जल जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसीलिए पानी को बचाना हमारे लिए सबसे उपयोगी है इसी बात को लेकर  आज eExampaper.com आप सभी विद्यार्थियों के लिए जल सरंक्षण पर निबंध | Essay on Water Conservation in Hindi  लेकर आए हुए हैं।

यह निबंध सभी विद्यार्थियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसे पढ़कर विद्यार्थियों को यह अवश्य ही पता चल जाएगा कि जल संरक्षण कैसे किया जाता है। जल संरक्षण पर इस निबंध | Essay on Water Conservation in Hindi को विद्यार्थी किसी भी परीक्षा में लिख सकते हैं।

पृथ्वी का अधिकतम भाग जल से घिरा हुआ है पर इसमें से उपयोग करने के लिए पानी बहुत ही कम है इसलिए जल का संरक्षण बहुत ही जरूरी है और इस विषय पर विभिन्न परीक्षाओं में जल संरक्षण पर निबंध (Essay on Water Conservation in Hindi) पूछे जाते हैं।

हमारे द्वारा लिखे गए जल संरक्षण पर निबंध को पढ़कर विद्यार्थी अपनी परीक्षाओं में इसे लिख सकते हैं या इस निबंध से विचार लेकर उसे अपने शब्दों में विस्तृत रूप से प्रकट कर सकते हैं। आशा करता हूं कि यह निबंध Essay on Water Conservation in Hindi आपके लिए बहुत ही उपयोगी साबित होगा।

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जल संरक्षण पर निबंध, Essay on Water Conservation in Hindi
Essay on Water Conservation in Hindi

जल संरक्षण पर निबंध | Essay on Water Conservation

आप सभी विद्यार्थियों के लिए जल संरक्षण पर निबंध (Essay on Water Conservation in Hindi) प्रस्तावना एवं उपहार सहित अग्र लिखित है।

प्रस्तावना :-

धरती पर समस्त जीवन चक्र को बनाए रखने के लिए हवा, पानी और भोजन बहुत ही जरूरी है। जिसमें से जल प्रकृति की अनमोल धरोहर है बिना जल के इस धरती पर जीवन का होना संभव नहीं है। जल की  एक-एक बूँद सभी के लिए बहुत ही कीमती है।

धरती पर वैसे तो जल का भंडारण बहुत ही अधिक है अगर हम जल की बात करें तो पूरी पृथ्वी का 70% भाग जल से भरा हुआ है पर इस 70% भाग में से केवल 1% भाग सभी के लिए उपयोगी है और इस 1% भाग में से केवल 1% भाग पीने के योग्य है।

इसीलिए सभी को बहुत ही सोच समझ के साथ जल का सीमित उपयोग करना चाहिए और जल संरक्षण में अधिक से अधिक अपनी भूमिका को निभाना चाहिए।

जल संरक्षण क्या है :-

जल संरक्षण, पानी के उपयोग उपयोगिता को सीमित करना एवं सही तरीके से पानी का संरक्षण करना है। आज हमारे लिए जल संरक्षण हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग बन गया हैं। शुद्ध जल एक सीमित संसाधन है जिसके लिए जल संरक्षण अति आवश्यक है।

जल स्थानीय उपयोग से लेकर कृषि एवं उद्योग तक एक मूलभूत आवश्यक अंग है जिसके द्वारा यह सभी कार्य सफलतापूर्वक किए जाते हैं। अतः इस प्राकृतिक संसाधन का संरक्षण करना हमारे लिए अति आवश्यक है।

मानव आबादी बढ़ने के कारण पृथ्वी के जल पर एक गहरा प्रभाव पड़ा है जिससे अधिक मात्रा में जल दूषित हो जाता है जो पीने योग्य नहीं रहता है नदी तालाब झील जलाशय एवं भूजल के जल के दुरुपयोग के कारण आज हमें भीषण जल संकट का सामना करना पड़ रहा है और शायद आने वाले समय में यह संकट और भी बढ़ जाये।

जल संरक्षण की आवश्यकता :-

आबादी और उद्योग की वृद्धि के कारण ताजे जल स्रोतों की आवश्यकता है और बढ़ रही हैं लेकिन हमारे पास जल का सीमित संग्रह बचा है। ऐसी हालात में जल संरक्षण ही एकमात्र उपाय है जो हमें और हमारे आने वाली पीढ़ी को इस संकट से बचा सकता है।

जल संरक्षण में असफल होने से जल की पर्याप्त आपूर्ति में कमी हो सकती है, जिसके कठोर परिणाम हो सकते हैं। इसमें पानी की लागत बढ़ना कम खाद्य आपूर्ति एवं स्वास्थ्य संबंधी खतरे और राजनीतिक संघर्ष शामिल है।

जल की कमी के कारण पर्यावरण का संतुलन, भी बिगड़ेगा एवं वन उपवन और वन्य जीव पर संकट आ सकता है।

जल पूरे सृष्टि जगत के लिए आवश्यक है और धरती पर इसका सीमित स्रोत हमें इस बात की ओर इंगित करता है कि कि हम जल संरक्षण की ओर ध्यान दें हमारी आने वाली पीढ़ी को एक-एक बूंद जल के लिए संघर्ष करना पड़ेगा।

जल संकट के आवश्यक घटक :-

जल संकट का कारण बढ़ती जनसंख्या एवं अशिक्षित समाज है। बढ़ती जनसंख्या के कारण वनों की कटाई जोकि जल संकट ( सूखा) का एक विशेष कारण है, पेड़ों से पानी के स्रोत पृथ्वी में ज्यादा नीचे तक नहीं जा पाते हैं जिससे जल आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।

वनों की कटाई के कारण वहां की जमीन बंजर हो जाती है जिससे वह कृषि उपयोगी भी नहीं रहती है, इसलिए जल संरक्षण के लिए पेड़ों का लगाया जाना अति आवश्यक है। तथा जल स्रोतों का रक्षा करना जल संकट से बचने का एकमात्र उपाय है अतः हमें नदी तालाब झील सरोवर आदि के जल को स्वच्छ रखना चाहिए जिससे हमें जल संकट का सामना न करना पड़े। 

आधुनिक युग में जल संकट का जिम्मेदार कल कारखाने भी हैं जो अपने कारखाने में उपयोग होने वाले जल को दूषित करने के पश्चात नदियों के स्वच्छ जल में छोड़कर उसे भी प्रदूषित कर देते हैं जिससे स्वच्छ जल हमारे उपयोग में नहीं रह जाता है। अतः कल कारखानों को अपनी दूसरी जनों का संचय करना चाहिए एवं उन्हें दूषित रहित करके ही छोड़ना चाहिए।

जल संरक्षण अधिनियम :-

जल प्रदूषण नियंत्रण एवं निवारण के लिए जल संरक्षण अधिनियम 1974 के अंतर्गत गठित केंद्रीय जल प्रदूषण नियंत्रण कमेटी द्वारा समय-समय पर नदी एवं जलाशयों के प्रदूषण का सर्वेक्षण करना, औद्योगिक बहाव की निगरानी करना, प्रदूषित जल के उपचार की सस्ती विधियों का विकास करना, स्थानी जागृत करना आदि को अमल में लाया जाए एवं नियम कानून और सख्त किए जाए जिनका अनुपालन सभी के लिए अनुकरणीय हो। नहीं तो ऐसी स्थिति में कड़े दंड दिए जाने एवं कठोर कानून कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित हो तभी जल प्रदूषण पर लगाम एवं जल संरक्षण को विकसित किया  जा सकता है।

जल संरक्षण के उपाय :-

ऐसे बहुत से उपाय है जिससे हम जल संरक्षण कर सकते हैं यदि हम जल का सीमित उपयोग करें और उसे बचाने के लिए उचित कदम उठाए तो जल का सीमित भंडार अधिक समय तक बना रह सकता है।

वर्षा के जल का संग्रह करें :-

वर्षा के जल का संग्रह न करना हमारी सबसे बड़ी भूल है। वर्षा का जल सबसे शुद्ध होता है फिर भी आज कल वर्षा का जल संचित ना करके वह नदियों गजरो तालाबों आदि में बह जाता है जिससे बहुत बड़ा नुकसान होता है क्योंकि एक दूषित जल को शुद्ध करने में अधिक मात्रा में खर्च आता है अतः प्राकृतिक रूप से मिला हुआ शुद्ध जल हम बर्बाद कर देते हैं।

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वर्षा जल का अगर हमें संरक्षण करें तो हम वर्ष में होने वाली जल की कमी को पूर्ण कर सकते हैं। वर्षा के जल को हम नदी तालाब जलाशय झील एवं छोटे-छोटे गड्ढों का निर्माण करके उसमें वर्षा के जल का संचय करके हम जल संरक्षण का कार्य कर सकते हैं।

इसे संग्रहित जल का उपयोग हम सिंचाई कारखाने में होने वाली धुलाई एवं अन्य उपयोगों में ला सकते हैं जिससे हम भूमिगत जल की भी बचत करते हैं। हम गांव एवं शहर के बाहर तालाब बनाकर जल संरक्षण का कार्य कर सकते हैं जिससे जल संकट वाले क्षेत्र में जल पहुंचा कर राहत का कार्य कर सकते हैं।

भूगर्भ जल का रक्षण :-

भूगर्भ जल अर्थात जमीन के अंदर के जल को हम हैंड पंप आदि से निकालते हैं। अधिक भूगर्भ जल निकालने के कारण तथा उसका दुरुपयोग करने के कारण भूगर्भ के जल में कमी आती है। हमें भूगर्भ जल का रक्षण करना चाहिए। तालाब, सरोवर ,झील आदि से भूगर्भ जल का स्तर बढ़ता है। भूमि प्रदूषण को रोकने की भी आवश्यकता है जिसके कारण भूगर्भ जल भी प्रदूषित हो रहा है।

जल संरक्षण की उपयोगिता:-

संरक्षित जल का हमारे जीवन में जल संकट से निकलने का एकमात्र उपाय है। हमें वर्षा के शुद्ध जल का संचय करना होगा जिसके लिए हमें छोटे छोटे तालाब का निर्माण करना होगा जिसमें वर्षा के जल का संचय हो सके।

1 :- घरेलू उपयोग में:-

नहाने में बर्तन धोने में वाहन धोने में तथा हम अपने घर की साफ सफाई में इन संरक्षित जलों का उपयोग कर सकते है।
जिससे हम शुद्ध जल की बर्बादी को कम कर सकते हैं। यदि हम अपनी जवाबदारी को समझकर जल का सही उपयोग करें तो जल संरक्षण में अपनी भागीदारी दे सकते हैं।

2:- कृषि कार्य में उपयोग:-

वर्षा का जल बहुत उपयोगी होता है जो सिचाई के कार्य में आ सकता है। वर्षा के जल में अम्ल की मात्रा बहुत कम होती है जो भूमि के लिए उपयोगी सिद्ध होता है। वर्षा के जल से सिंचाई करने पर भूमि की गुणवत्ता बढ़ जाती है जिससे फसलों की पैदावार अच्छी होती है।

3:- करखानो में उपयोग :-

कारखानों में जल संरक्षण के द्वारा प्राप्त किया हुआ जल का उपयोग करना चाहिए जिससे शुद्ध जल की बचत हो सकती है और कारखानों में अधिक मात्रा में जल का उपयोग होता है इसलिए जल संरक्षण आवश्यक है

उप संहार :-

जल संरक्षण के महत्व को हमें इस बात से समझ लेना चाहिए कि हमारी धरती पर स्वच्छ जल 1% बचा है।  यदि हम इसी प्रकार जल का दुरुपयोग करते रहे तो आने वाली पीढ़ियों के लिए जल की स्वत समाप्त हो जाएंगे।  अतः जागरूक होने की आवश्यकता है और अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभाते हुए सभी देशों को जल संरक्षण पर गंभीरता से प्रयास करना चाहिए।

जल संरक्षण पर निबंध (Essay on Water Conservation in Hindi) पूर्ण हुआ।

आशा करता कि हमारे द्वारालिखित यह जल संरक्षण पर निबंध, Essay on Water Conservation in Hindi आपको अच्छा लगा होगा इसे पढ़कर आप अपनी लेखन क्षमता और बुद्धिमत्ता को अधिक से अधिक बढ़ा सकते हैं। इस Essay on Water Conservation in hindi में हमने जल संरक्षण के सभी पहलुओं को विस्तृत रूप से दर्शाया है। इसमें जल संरक्षण के उपाय, जल संरक्षण के कारण, जल संरक्षण की भूमिका तथा अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं को जो कि जल संरक्षण से संबंधित है उन पर प्रकाश डाला गया है। इस Essay on Water Conservation in Hindi को विद्यार्थी पढ़ कर अपनी परीक्षा में इसे याद करके लिख सकते हैं और अधिक से अधिक अंक को अर्जित कर सकते हैं।

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Essay on Water Conservation in Hindi आप सभी के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण निबंध है। जल संरक्षण पर निबंध लिखने को बहुत बार आता हैं। अतः आप से यही निवेदन हैं कि आप इसे आवश्यक रूप से पढ़ें।

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